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हुस्न तबस्सुम निहान

हुस्न तबस्सुम निहाँ का जन्म 8 जनवरी, 1976 को उत्तर प्रदेश के नानपारा, बहराइच में हुआ। उन्होंने अंग्रेज़ी, हिन्दी और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र से एम.फिल., पी-एच.डी. की। विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ द्वारा उन्हें ‘विद्या वाचस्पति’ की मानद उपाधि दी गई। उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘फिरोजी आँधियाँ’, ‘विष सुन्दरी उर्फ सूरज बाई का तमाशा’, ‘कामनाओं के नशेमन’ (उपन्यास); ‘नीले पंखों वाली लड़कियाँ’, ‘नरगिस फिर नहीं आएगी’, ‘सुनैना…सुनो ना!’ (कहानी-संग्रह); ‘मौसम भर याद’, ‘चाँद-ब-चाँद’ (कविता-संग्रह); ‘कविताओं में राष्ट्रपिता’, ‘आदिवासी विमर्श के विभिन्न आयाम’ (सम्पादन); ‘धार्मिक सह-अस्तित्व और सूफीवाद’ (शोध)।

हुस्न तबस्सुम निहाँ को ‘समाज रत्न’, ‘सरस्वती साहित्य सम्मान’, ‘महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान’, ‘स्व. श्री हरि ठाकुर स्मृति सम्मान’, ‘शीला सिद्धान्तकर स्मृति साहित्य गौरव सम्मान’, ‘स्पेनिन साहित्य गौरव सम्मान’, भारत एवं हिन्दी प्रचारिणी सभा, मॉरिशस द्वारा ‘अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान’, ‘डॉ. विजय मोहन सिंह स्मृति सम्मान’ तथा अन्तर्राष्ट्रीय अवधी महोत्सव (नेपाल) में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

सम्पर्क : nihan073@gmail.com

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नरगिस... फिर नहीं आयेगी

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